Monday, August 8, 2011

बजरंग बली उर्फ़ .........

कॉलेज के एक कर्मचारी वाजपेयी ने पिछले दिनों एक बड़ी मार्के की बात कह दी.कहा ,जानते हैं सर ,बजरंग बली को हमलोग 'भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी ' कहते हैं.बात सही भी है.जिस जगह बजरंग बली की मूर्ति स्थापित कर दी,मजाल है कि कोई वहां से हिला दें. पवन पुत्र वैसे भी इतने बलशाली हैं कि साधारण मनुष्यों के वश की बात नहीं.राह चलते चौक-चौराहे ,नुक्कड़,गली सभी जगहों पर आपको बजरंग बली मिल जायेंगे.भले ही इससे रास्ता संकरा होता हो,यातायात की समस्या उत्पन्न होती हो,होती रहे.बजरंग बली तो जहाँ जम गए वहीँ के होके रह गए.भक्तों ने भी इसी भावना से प्रेरित होकर थोड़ी जगह घेर ली तो क्या बुरा किया.लोग तो आजकल सरकारी  जमीन तक को घेर कर बेच देते हैं और सरकार को पता तक नहीं चलता.सो बजरंग बली अब यदि भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी बन गए हों तो क्या अचरज.
               व्यक्ति कभी कभी हास-परिहास में भी बड़े मार्के की बात कह जाता है.अब यदि वाजपेयी ने बजरंग बली को 'भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी' की संज्ञा दी है तो कुछ तो बात अवश्य होगी. वैसे वाजपेयी बजरंग बली के बड़े भक्त हैं.बजरंग बली के मंदिर आपको हर जगह मिल जायेंगे.खासकर भारत के हर पुलिस थाने में आपको बजरंग बली के मंदिर जरूर मिलेंगे.पुलिस वाले तो बजरंग बली के भरोसे ही अपनी और लोगों की सुरक्षा का भार लिए रहते हैं.लोगों ने तो बात यहाँ तक उड़ाई थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी बजरंग बली के बड़े भक्त हैं और यह भी कि उनका पूर्व जन्म भारत में हुआ था.
             आजकल तो महिलाएं भी पवनपुत्र की बड़ी भक्त हैं.किसी भी बजरंग बली के मंदिर में चले जाइये ,वहां पर आपको पुरुषों से ज्यादा स्त्रियों की संख्या मिलेगी.वैसे स्त्रियाँ बजरंग बली से क्या आशिर्वाद मांगती होंगी यह कयास लगाना मुश्किल नहीं.अपने यहाँ वैसे भी मंदिर और मठों की संख्या बहुत है.आजकल तो मंदिर किसी  कार्पोरेट घराने से कम नहीं हैं.पटना का विशालकाय महावीर मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र है.कई जगहों पर बजरंग बली के भव्य मंदिर हैं.शायद इसी भव्यता से प्रेरित होकर बजरंग बली को भूमि  अतिक्रमण पदाधिकारी कह दिया गया होगा.

Tuesday, August 2, 2011

रियल्टी शो : आधी हकीकत आधा फ़साना

आजकल विभिन्न टीवी चैनलों पर रियल्टी शो की भरमार है.इनमें कितने शो रियल्टी हैं,कितने बनावटी दर्शकों को अंदाज लगाना मुश्किल नहीं.रियल्टी शो के नाम पर दर्शकों के सामने जो कुछ भी परोसा जा रहा है,वह कितने वास्तविक हैं,यह तो चैनल वाले ही बता सकते हैं.स्टूडियो में रिकॉर्ड होना(शूट करना),फिर एडिटिंग ,तब प्रसारित होना, ये किसी भी शो के सामान्य प्रक्रिया के अंग हैं.
        अब जरा विभिन्न रियल्टी शो पर एक नजर डालें.संगीत के रियल्टी शो विभिन्न चैनलों पर आते रहे हैं.जी टीवी पर 'सा रे गा मा पा' एवं 'लिटिल चैम्प्स' तकरीबन हर साल प्रसारित होते रहते हैं.इन शो के विजयी कलाकार आज कहाँ हैं,क्या कर रहें हैं,कोई नहीं जानता.जब तक शो चलता है तब तक तो वे चर्चा के केंद्र में रहते हैं,उसके बाद गायब.
'सा रे गा मा पा' को जीतने वालों की लम्बी फेहरिस्त है.देबोजीत,अनीक धर,कमल खान आदि गायक आज क्या कर रहे हैं किसी को नहीं पता.इसी तरह 'लिटिल चैम्प्स' को जीतने वाले कलाकारों की अब कोई चर्चा नहीं होती.
इसी तरह सोनी टीवी के 'इंडियन आइडल' को जीतने वाले कलाकारों में काजी तौकीर से लेकर गत वर्ष की विजेता सौरभी देव बर्मन की अब कोई चर्चा नहीं होती.इसके पिछले वर्ष कोलकाता के पुलिस विभाग के बैंड में काम करने वाले प्रशांत तमांग विजयी रहे थे.इनका नाम तक लोगों को पता  नहीं.स्टार प्लस टी.वी चैनल के 'वोईस ऑफ़ इंडिया' के विजेता रवि शुक्ला की भी अब चर्चा नहीं होती.
   इमेजिन के 'राखी का स्वयंवर' का हश्र लोग देख चुके हैं.यही हाल अभी अभी समाप्त 'रतन का रिश्ता' का भी है.
  पब्लिसिटी के लिए कलाकार ऐसे रियल्टी शो में भाग लेते हैं.
  वास्तव में इन रियल्टी शो से किसी कलाकार का भला नहीं होता. इन रियल्टी शो से चैनल वालों और मोबाइल कम्पनियों की भारी कमाई होती है. इसी में से कुछ हिस्सा कार्यक्रम और कलाकारों पर खर्च कर ईनाम की राशि दे दी जाती है.बौलीवुड में स्थापित कलाकारों की(गायक/गायिकाओं) लम्बी फौज है.हर संगीत निर्देशक के पसंदीदा गायक व गायिकाएं हैं,वे उन्ही से गाना गवाते हैं.नए कलाकारों की गुन्जाईश कम ही बनती है.एक्का दुक्का गाना, शो जीतकर आने वाले कलाकारों को मिल जाता है.स्टेज शो में भी इनकी कुछ खास पूछ नहीं होती.
बड़े और स्थापित कलाकारों को ही स्टेज शो मिलता है.
   इसी तरह डांस के विभिन्न शो जीतकर आने वाले कलाकारों को भी आगे प्रदर्शन का कोई मौका नहीं मिलता और न ही फिल्मों में उनके लिए कोई गुन्जाईश होती है.सभी हीरो आजकल स्वयं ही अच्छे डांस करते नजर आते  हैं. सो रियल्टी शो के नाम पर दर्शकों को बेवकूफ बनाने का सिलसिला जारी है.