क्या मूल पुस्तकों के
अनुवाद बेहतरीन होते हैं?कम से कम मेरा अनुभव तो इस मायने में कुछ अलग ही रहा है.पिछले
दिनों अंग्रेजी की कई पुस्तकों को पढ़ने का अवसर मिला और साथ ही उनका हिंदी अनुवाद
भी. आज के दौर के कई नामी-गिरामी और बेस्टसेलर लेखकों की कई पुस्तकें बाजार में आई
हैं.चेतन भगत,रविंदर सिंह,सुदीप नागरकर,दुर्जोय दत्ता,प्रीति शिनॉय की कई पुस्तकें
उपलब्ध हैं.
पाउलो कोएल्हो की
अल्केमिस्ट और जाहिर सहित कुछ पुस्तकों का हिंदी अनुवाद कमलेश्वर ने किया है.चेतन
भगत की पिछली तीन पुस्तकों का हिंदी अनुवाद (टू स्टेट्स,मिशन 2020,हाफ गर्लफ्रेंड)
सुशोभित शक्तावत ने तथा रविंदर सिंह की तीन पुस्तकों का हिंदी अनुवाद प्रभात रंजन तथा एक पुस्तक का
हिंदी अनुवाद बी.बी.सी की पूर्व पत्रकार सलमा जैदी ने किया है.
प्रभात रंजन और सलमा जैदी
के अनुवाद बहुत अच्छे रहे हैं.कमलेश्वर का अनुवाद भी बहुत अच्छा है.चेतन भगत की
किताबों के हिंदी अनुवाद में कई अंग्रेजी के शब्दों का धड़ल्ले से प्रयोग किया गया
है.ऐसे शब्दों के लिए शायद हिंदी पाठक वर्ग को भी डिक्शनरी की जरूरत पड़ जाय.
मूल अंग्रेजी या अन्य भाषाई
पुस्तकों के हिंदी अनुवाद में हिंदी पाठक वर्ग यह तो आशा कर ही सकता है कि उसके
मूल भाव यथावत रहें.अंग्रेजी के शब्दों का यथावत प्रयोग इसमें बाधा डालता है.
आज
बड़े-बड़े प्रकाशन समूह हैं जो किसी कार्पोरेट कंपनी की तरह काम कर रहे हैं.उनके पास
संपादक,अनुवादक से लेकर प्रूफ रीडर तक अनेक कर्मचारियों की फौज होती है.इन सबके
बावजूद प्रूफ रीडिंग और अनुवाद की गलतियां पढ़ने का मजा किरकिरा कर देती हैं.
लेखक और प्रकाशन समूह
हिंदी के पाठक वर्ग का रोना रोते हैं कि हिंदी भाषा का पाठक वर्ग कम होता जा रहा
है लेकिन वे इसकी कमियों को ढूंढने का प्रयास नहीं करते.जरूरत इस बात की है मूल
भाषा से हिंदी में अनुवाद करते समय उसके भाव तो यथावत रहें और यथासंभव हिंदी के
शब्दों का प्रयोग हो.
सटीक आकलन !
ReplyDeleteआप की लिखी ये रचना....
ReplyDelete19/08/2015 को लिंक की जाएगी...
http://www.halchalwith5links.blogspot.com पर....
सादर आभार !
Deleteसुन्दर और सटीक विश्लेषण ! लेकिन आप इस बात से इंकार नही कर सकते राजीव जी कि हिंदी किताबें पढ़ने वाले कम तो हुए ही हैं !!
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सबकी पहचान है , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसादर धन्यवाद !
Deleteएक सटीक आंकलन
ReplyDeleteएक सटीक आंकलन
ReplyDeleteअच्छा विश्लेषण
ReplyDeleteसही आकलन
ReplyDeleteसटीक आंकलन और सही विश्लेषण ... कई बार अनुवाद ऐसा होता है जो मूल विषय को पकड़ ही नहीं पाता ...
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