कॉलेज के एक कर्मचारी वाजपेयी ने पिछले दिनों एक बड़ी मार्के की बात कह दी.कहा ,जानते हैं सर ,बजरंग बली को हमलोग 'भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी ' कहते हैं.बात सही भी है.जिस जगह बजरंग बली की मूर्ति स्थापित कर दी,मजाल है कि कोई वहां से हिला दें. पवन पुत्र वैसे भी इतने बलशाली हैं कि साधारण मनुष्यों के वश की बात नहीं.राह चलते चौक-चौराहे ,नुक्कड़,गली सभी जगहों पर आपको बजरंग बली मिल जायेंगे.भले ही इससे रास्ता संकरा होता हो,यातायात की समस्या उत्पन्न होती हो,होती रहे.बजरंग बली तो जहाँ जम गए वहीँ के होके रह गए.भक्तों ने भी इसी भावना से प्रेरित होकर थोड़ी जगह घेर ली तो क्या बुरा किया.लोग तो आजकल सरकारी जमीन तक को घेर कर बेच देते हैं और सरकार को पता तक नहीं चलता.सो बजरंग बली अब यदि भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी बन गए हों तो क्या अचरज.
व्यक्ति कभी कभी हास-परिहास में भी बड़े मार्के की बात कह जाता है.अब यदि वाजपेयी ने बजरंग बली को 'भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी' की संज्ञा दी है तो कुछ तो बात अवश्य होगी. वैसे वाजपेयी बजरंग बली के बड़े भक्त हैं.बजरंग बली के मंदिर आपको हर जगह मिल जायेंगे.खासकर भारत के हर पुलिस थाने में आपको बजरंग बली के मंदिर जरूर मिलेंगे.पुलिस वाले तो बजरंग बली के भरोसे ही अपनी और लोगों की सुरक्षा का भार लिए रहते हैं.लोगों ने तो बात यहाँ तक उड़ाई थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी बजरंग बली के बड़े भक्त हैं और यह भी कि उनका पूर्व जन्म भारत में हुआ था.
आजकल तो महिलाएं भी पवनपुत्र की बड़ी भक्त हैं.किसी भी बजरंग बली के मंदिर में चले जाइये ,वहां पर आपको पुरुषों से ज्यादा स्त्रियों की संख्या मिलेगी.वैसे स्त्रियाँ बजरंग बली से क्या आशिर्वाद मांगती होंगी यह कयास लगाना मुश्किल नहीं.अपने यहाँ वैसे भी मंदिर और मठों की संख्या बहुत है.आजकल तो मंदिर किसी कार्पोरेट घराने से कम नहीं हैं.पटना का विशालकाय महावीर मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र है.कई जगहों पर बजरंग बली के भव्य मंदिर हैं.शायद इसी भव्यता से प्रेरित होकर बजरंग बली को भूमि अतिक्रमण पदाधिकारी कह दिया गया होगा.