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अगाथा क्रिस्टी |
हरक्यूल पाईरो,शरलक
होम्स,जेम्स बांड और हैरी पॉटर में क्या कोई समानता है?बिलकुल समानता है.ये सभी
अगाथा क्रिस्टी,ऑर्थर कानन डायल,इयान फ्लेमिंग और जे.के.रोलिंग द्वारा गढ़े गए वे
किरदार हैं जो अपार लोकप्रियता प्राप्त कर लोकप्रियता में इसके सृजक से भी आगे
निकल गए हैं.
क्या कभी इन लेखकों ने
कल्पना की होगी कि ये किरदार सर्वकालिक महान किरदार बन जाएंगे?
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आर्थर कानन डायल |
अगाथा क्रिस्टी के
मर्डर मिस्ट्री पर आधारित उपन्यास दुनियां के सभी भाषाओँ में अनुवादित हुए हैं और
आज भी पाठकों में उत्सुकता जगाते हैं.शरलक होम्स ने अपराध की गुत्थी को सुलझाने के
नए-नए आयाम बनाये. दुनियां भर के विभिन्न टी.वी चैनलों पर आज भी शरलक होम्स के
धारावाहिक चल रहे हैं.
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इयान फ्लेमिंग
इयान फ्लेमिंग द्वारा सृजित
जेम्स बांड का किरदार इस कदर लोकप्रिय हो गया है कि भारत सहित विभिन देशों ने इसके
अवतार सृजित कर लिए.पिछले महीने दुनियां भर रिलीजजेम्स बांड सीरीज की फिल्म स्पेक्टर
ने साबित किया कि आज भी बांड का किरदार उतना ही लोकप्रिय है,जितना पहले था..हॉलीवुड
में बनी फंतासी फिल्मों का अलग ही क्रेज रहता है.जेम्स बांड के किरदार निभाने के
कारण कई अभिनेताओं ने असीमलोकप्रियता प्राप्त की.रॉजर मूर,सीन कोनरी,टिमोथी
डाल्टन,पियर्स ब्रासनन, डेनियल क्रेग जैसे अभिनेताओं के कारण जेम्स बांड सीरिज ने
कई कीर्तिमान स्थापित किए. |
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जे.के.रॉलिंग |
जे. के. रोलिंग द्वारा
सृजित हैरी पॉटर सीरीज की किताबों के साथ इस पर बनी फ़िल्में भी उतनी ही लोकप्रिय
हुईं.हैरी पॉटर का किरदार न केवल बच्चों बल्कि सभी आयु वर्गों में सराहा
गया. हालांकि इस सीरीज की अंतिम किताब ‘हैरी पॉटर और मौत
के तोहफे’(Harry Potter and the deathly halllows) रॉलिंग ने कई साल पहले लिखी और इस पर अंतिम फिल्म दो
भागों में कई साल पहले रिलीज हुई लेकिन आज भी इसके किरदार की लोकप्रियता का आलम यह
है कि कुछ महीने पहले इस सीरीज की फिल्मों में हर्माइनी
ग्रेंजर का किरदार निभाने वाली ब्रिटिश अभिनेत्री
एम्मा वाटसन ने जब अपना 34वां जन्मदिन
मनाया तो जे.के. रॉलिंग समेत तमाम प्रशंसकों ने उसके किरदार हर्माइनी के नाम से ही
शुभकामना संदेश भेजे.
हाल ही में हैरी पॉटर सीरीज
की फिल्मों में सीवियरस स्नेप का किरदार निभाने वाले ब्रिटिश अभिनेता एलन रिकमैन का
कैंसर से निधन हुआ तो रॉलिंग समेत तमाम प्रशंसकों ने उनकी अदाकारी को शिद्दत से
याद किया.गौरतलब है कि लोगों के जेहन में स्नेप का किरदार ही था जिसने उन्हें
लोकप्रिय बनाया.
कई लेखकों,रचनाकारों के
पात्रों को इस कदर लोकप्रियता मिली है कि लगता है कि वे इसके सृजक से भी ज्यादा
चर्चित हो गए हैं.
सार्थक लेख अच्छा लगा
ReplyDeleteबढ़िया लेख ।
ReplyDeleteउम्दा आलेख।
ReplyDeleteशायद सभी को ये ज्ञात ना हो कि एक दौर में सर आर्थर कानन डायल ने शर्लाक की अति लोकप्रियता से तंग आकर उसे एक कहानी में मरा हुआ दिखा दिया था मगर उन्हें शरलॉक के प्रशंसकों ने इतने पत्र लिखे की उन्हें ऊंचाई से गिर कर मर चुके शर्लाक होल्म्स को वापस ज़िंदा करके दिखाना पड़ा।
बहुत अच्छी जानकारी साझा करने के लिए आभार.
Deleteरोचक लेख
ReplyDeleteभारतीय सन्दर्भ में भी बाबू देवकीनंदन खत्री का उपन्यास चंद्रकांता सीरीज इतना लोकप्रिय हुआ कि गैर हिंदी भाषी लोगों ने भी इसको पढने के लिये हिंदी सीखी. प्रेमचंद का होरी हर गाँव में मिलने लगा. एक सार्थक लेख.
ReplyDeleteकिरदार निभाने वाले उस किरदार को सामने लाते हैं जो हमने थोड़ा बहुत सुने है या न सुने है ,,,, तभी वह जीवंत होता है ...बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना, "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 25 जनवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteसादर आभार.
Deleteek lekhak ki yahi khubi hai ke uske kirdaar usse bhi bade ban jayein
ReplyDeleteजिवंत किरदार रचना बहुत बड़ी बात है। ऐसे लेखको को नमन।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-01-2016) को "मैं क्यों कवि बन बैठा" (चर्चा अंक-2232) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर धन्यवाद !
Deletesarthak or gyanvardhk lekh..
ReplyDeleteBahut accha article.....
ReplyDeleteजब किरदार, सृजन करने वालों से अभी अधिक लोकप्रिय हो जाये! तो ये तो एक ऐतेहासिक लेखन का उदहारण है। सादर।।
ReplyDeleteनेताजी से जुड़ी 100 सीक्रेट फाइलों को भारत सरकार ने सार्वजनिक किया
लेखक शायद किसी किरदार को ही जीता है जिसे आपने बखूबी बताया है
ReplyDeleteअच्छी विवेचना की है आपने .....
ReplyDeleteरोचक आलेख। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख ।
ReplyDeleteSarthak lekh !
ReplyDeleteसार्थक और उम्दा लेख ।
ReplyDeleteऐसा अक्सर देखने में आता है कि सृजित किरदार, लेखक का ही स्थान ले लेते हैं। ऐसे में लेखक उन्हीं किरदारों के नाम से भी जाना जाता है।
ReplyDeletebahot sunder vichar...............!!!!!
ReplyDeleteऔर शायद यही बात लेखक की सफलता का परिचय भी देती है
ReplyDeleteसार्थक व प्रशंसनीय रचना...
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है।
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ReplyDeleteबढ़िया जानकारी राजीव जी !!
ReplyDeleteलेखक शायद किसी किरदार को ही जीता है बढ़िया जानकारी राजीव जी !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
वक़्त मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आयें|
ReplyDeletehttp://sanjaybhaskar.blogspot.in
बहुत ही सुंदर लिखा है आप मेरी रचना भी पढना
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