यह विडंबना ही है कि हम हर साल रावण को जलाते हैं, पर रावण जलता ही नहीं. शायद इसलिए कि हम रावण को जलाने का नाटक भर करते हैं,उसे वास्तव में जलाना नहीं चाहते, क्योंकि यदि रावण जल गया तो शायद हमारी बहुत सी सुख – सुविधाएं भी वह अपने साथ जलाकर राख कर देगा. ये सुख – सुविधाएं जो अनीति से, अनैतिकता से प्राप्त होती हैं.रावण को हमने बुराईयों का प्रतीक बना दिया है.प्रतिवर्ष उसे धूमधाम से जलाकर हम यह प्रदर्शित करना चाहते हैं कि सत ने असत पर,सद्गुण ने दुर्गुण पर,अच्छाई ने बुराई पर विजय पा ली है.
रावण के दहन को हमने अपने मनोरंजन का माध्यम और साधन बना लिया है. विभीषण ने सीता को राम को लौटाने का अनुरोध करते हुए अपने अग्रज रावण से कहा था ......
सुमति कुमति सबके उर रहहिं
अर्थात सुमति और कुमति तो सबके ह्रदय में रहती है.न रावण इसका अपवाद था ,और न हम हैं. यही कुमति थी जिसने वेदों के ज्ञाता ,शूरवीर रावण को इतना निंदनीय बना दिया कि वह शाश्वत हो उठी है .
पर,क्या कुमति केवल रावण में थी.हमारे मन में नहीं है.और, कुमति की लाख निंदा करने के बावजूद क्या हम उसे मन में नहीं संजोए हुए हैं,या उसे संजोये रखने में ही अपने सुख – सुविधापूर्ण जीवन को संभव नहीं मानते.
यदि हमारे मन में यह कुमति नहीं होती तो क्या यह जो चारों ओर अनाचार,अत्याचार, व्यभिचार दिखाई दे रहा है,वह होता ! हमारे मन में कुमति गहरी जड़ें जमाकर बैठ गई हैं. हम उसे उखाड़ फेंकना नहीं चाहते, क्योंकि आज के समय में कुमति को उखाड़ फेंकने का अर्थ सारी भौतिक सुख –सुविधाओं से वंचित होना होगा. हम शायद यह चाहते ही नहीं, इसीलिए हम रावण को जलाने का अभिनय भर कराते हैं, उसे जलाते नहीं.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, विजयादशमी की हार्दिक मंगलकामनाएँ।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! राजेंद्र जी . आभार .
Deleteवाह खुबसूरत
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [14.10.2013]
चर्चामंच 1398 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें |
रामनवमी एवं विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
सादर
सरिता भाटिया
सारगर्भित ...बहुत सुन्दर..... हार्दिक शुभकामना
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! कौशल जी .आभार .
Deleteविजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआप जो लिंक देते हैं उसपर पहली बार में
ReplyDeleteSorry, the page you were looking for in this blog does not exist.
आता है कृपया जांच लें !
सुंदर आलेख !
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुन्दर लेखन।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ : लोकनायक जयप्रकाश नारायण
विश्व डाक दिवस (World Post Day)
विजयादशमी की अनंत शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुंदर
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
आग्रह है-
पीड़ाओं का आग्रह---
सशक्त अ -र्थाभिवाक्ति। अजी हटाना तो दूर मंदमति को लोग प्रधानमन्त्री बनाने का सोच रहे हैं।
ReplyDeleteसंसद में तमाम रावणों को बचाने के लिए बिल लाया गया भला हो सुप्रीम कोर्ट की फटकार का मंदमति के असमय प्रलाप का।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (14.10.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की गयी है ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! नीरज जी. आभार .
Deleteबहुत सुन्दर राजीव जी।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! मनोज जी .आभार .
DeleteBhau Hi Marmrik Sangrah Aapke Dwara.
ReplyDeleteThank You
OF LORD SHRI RAM .......
ReplyDeleteहै राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़,
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लबरेज़ है शराबे-हक़ीक़त से जामे-हिन्द1
सब फ़ल्सफ़ी हैं खित्ता-ए-मग़रिब के रामे हिन्द2
ये हिन्दियों के फिक्रे-फ़लक3 उसका है असर,
रिफ़अत4 में आस्माँ से भी ऊँचा है बामे-हिन्द5
इस देश में हुए हैं हज़ारों मलक6 सरिश्त7 ,
मशहूर जिसके दम से है दुनिया में नामे-हिन्द
है राम के वजूद8 पे हिन्दोस्ताँ को नाज़,
अहले-नज़र समझते हैं उसको इमामे-हिन्द
एजाज़ 9 इस चिराग़े-हिदायत10 , का है यही
रोशन तिराज़ सहर11 ज़माने में शामे-हिन्द
तलवार का धनी था, शुजाअत12 में फ़र्द13 था,
पाकीज़गी14 में, जोशे-मुहब्बत में फ़र्द था
--------------------अल्लामा इकबाल
1- हिन्द का प्याला सत्य की मदिरा से छलक रहा है , 2- पूरब के महान चिंतक हिन्द के राम हैं ,3- महान चिंतन , 4- ऊँचाई , 5- हिन्द का गौरव या ज्ञान , 6- देवता , 7- ऊँचे आसन पर , 6- अस्तित्व , 9- चमत्कार , 10- ज्ञान का दीपक , 11- भरपूर रोशनी वाला सवेरा , 12- वीरता , 13- एकमात्र ,14- पवित्रता
****************************India is proud of Ram
---------------------
D cup of Indian wine is brimming with TRUTH /REALITY
Lord Ram is d best thinker of d East
Indians r proud of His great thought
His knowledge is higher than d sky
There have been great Gods of High orders
But India is known by His name in d whole world
India is proud of Lord Ram
Wisest think Of him d Ideal of Indians
He is d great charismatic lamp of higher knowledge
He is d bringer of great Dawn in History
He was great n lone warrior , of no equal ever
And was lone again in goodness n love
*****************
अपने भीतर ही काम , क्रोध , लोभ , मोह और अहंकार रुपी रावण पर विजयी होने के लिए , आइये आज के मंगलमय दिन पर हम संकल्प करें
Let us redeem our pledge to win over eternal evils ( D Ravan ) with in us
-Kaam, Krodh, Lobh, Moh, Ahankar..= lust , anger , greed , attachment & ego on this auspicious festival.
HAPPY DUSSERA.
सादर धन्यवाद ! अजय जी , आभार .बहुत सुंदर उल्लेख किया है .
Deleteबधाई ,सशक्त सार्थक समाज उत्प्रेरक लेखन। सदनों में छिपे बैठे हैं विशेषाधिकार की आड़ में। जलें तो जलें कैसे।
ReplyDeleteआ. वीरेंन्द्र जी ,सादर . आभार .
Deleteसादर धन्यवाद ! आभार .
ReplyDeleteबहुत सुंदर आलेख .
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ! आभार .
Deleteसार्थक लेखन .
ReplyDeleteराजीव भाई ,
ReplyDeleteआपके नाम को क्लिक करने पर आपके प्रोफाइल में आसानी से आपका ब्लॉग नहीं मिलता , गूगल प्लस पर औरों के ब्लॉग शेयर होने के कारण आपका ब्लॉग तलाश करने में बहुत दिक्कत आती है ! बेहतर होगा की प्रोफाइल गूगल प्लस से हटाकर ब्लोगर प्रोफाइल करदें उससे आपके ब्लॉग का लिंक वाई मिल जाएगा !
मंगल कामनाएं !
सादर धन्यवाद ! आ. सतीश जी . आभार . आपके कहे अनुसार करता हूँ .
Deleteजब तक हमारे अंतस में रावण जीवित है, तब तक रावण के पुतले को जलाने से कुछ नहीं होगा...
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